सरकार ने फिर सौंपा ग्राम कचहरी सरपंच को वंशावली जारी करने का अधिकार
वंशावली प्रमाण पत्र अब सरपंच ही जारी करेंगे। जारी गतिरोध के बीच इस संबंध में पंचायती राज विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश में जिस व्यक्ति को वंशावली प्रमाणपत्र की आवश्यकता है, वह शपथपत्र पर अपनी वंशावली का विवरण और स्थानीय निवासी होने के साक्ष्य के साथ लिखित आवेदन संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव को देंगे। सचिव अधिकतम सात दिनों के अंदर जांच करने के बाद इसकी अनुशंसा ग्राम कचहरी को करेंगे। ग्राम कचहरी सचिव, पंचायत सचिव से प्राप्त आवेदनों को अपने स्तर पर संधारित पंजी में पूर्ण विवरण के साथ दर्ज करेंगे। उसे अविलंब ग्राम कचहरी के सरपंच के पास स्वीकृति के लिए भेजेंगे। सरपंच उस आवेदन की छायाप्रति ग्राम कचहरी के किसी स्थान पर चिपकाते हुए आमलोगों से सात दिनों के अंदर आपत्ति आमंत्रित करेंगे। आपत्ति प्राप्त नहीं होने पर सरपंच प्रपत्र में अपने सील-मुहर और हस्ताक्षर के साथ वंशावली निर्गत करेंगे। सूचना पट्ट पर प्रदर्शित आवेदन पर कोई आपत्ति प्राप्त होती है तो सरपंच उस आवेदन पत्र पर सार्वजनिक सुनवाई कर उचित निर्णय लेंगे। वंशावली दो प्रतियों में तैयार की जाएगी। वंशावली की दोनों प्रतियां सभी कागजात सहित ग्राम पंचायत सचिव को वापस कर दी जाएगी। ग्राम कचहरी सचिव उक्त वंशावली की छायाप्रति अपने कार्यालय अभिलेख के रूप में सुरक्षित रख सकेंगे। सरपंच से वंशावली प्राप्त हो जाने पर पंचायत सचिव एक प्रति पर अपना हस्ताक्षर कर दूसरी प्रति में आवेदक का हस्ताक्षर प्राप्त कर उसे सौंप देंगे। दूसरी प्रति के आधार पर पारिवारिक पंजी में उसका पूर्ण विवरण अंकित करेंगे। दूसरी प्रति तथा मूल आवेदन को ग्राम पंचायत कार्यालय में सुरक्षित रखा जाएगा। पंचायत सचिव के द्वारा ग्राम कचहरी सचिव को अपनी अनुशंसा समर्पित करने की तिथि से अधिकतम 15 दिनों के अंदर सरपंच को वंशावली पर अंतिम निर्णय लेने की बाध्यता होगी। बाद में ऐसे सभी प्रमाणपत्रों को आरटीपीएस के अंतर्गत ऑनलाइन करने की व्यवस्था भी की जाएगी। इस संबंध में अलग से आदेश जारी होगा। पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी और जिला पंचायत राज पदाधिकारी समय- समय पर जांच कर यह सुनिश्चित करेंगे कि वंशावली बनाने की प्रक्रिया का अक्षरशः पालन हो रहा है या नहीं। वंशावली बनाने के लिए आवेदन के साथ नगद दस रुपये पंचायत कार्यालय में देने होंगे। पंचायत सचिव इस शुल्क के एवज में आवेदक को रसीद देंगे। यह शुल्क राशि पंचायत निधि का हिस्सा बनेगी। दोबारा वंशावली निर्गत करने के लिए आवेदक को पंचायत सचिव के पास 100 रुपये का शुल्क जमा करना होगा। जिस व्यक्ति को वंशावली की आवश्यकता है, उसे संबंधित ग्राम पंचायत का स्थानीय निवासी होना आवश्यक है। स्थानीय निवासी को इनमें एक प्रमा - णत्र जरूरी है। ग्राम पंचायत कार्यालय में पंचायत सचिव द्वारा संधारित पारिवारिक पंजी में उस व्यक्ति के परिवार का विवरण, पूर्वज के जमीन का खतियान, बासगीत पर्चा, आधारकार्ड जिसमें आवेदक का पता दर्ज हो। यदि अभ्यर्थी के पास जमीन नहीं हो तो ग्राम का वोटरलिस्ट जिसमें उनका और उनके परिवार का नाम हो। सक्षम प्राधिकार द्वारा पूर्व में निर्गत निवास प्रमाणपत्र। मैट्रिक अथवा अन्य कक्षा का नामांकन प्रमाणपत्र। दरअसल वंशावली नहीं बनने के कारण जमीन अधिग्रहण के मामलों में सबसे ज्यादा समस्या आ रही थी। अब सरकार के इस आदेश के बाद वंशावली निर्माण की प्रक्रिया में गति आएगी।